नीतीश जी जांच क्यों नहीं करवाते

नीतीश जी जांच क्यों नहीं करवाते

नीतीश की सरकार में भ्रष्टाचार आम बात है। अखबारों और बाहरी लोगों को सम्मेलन के नाम पर इक्ठ्ठा कर के विकास का प्रचार करने के अलावा यह सरकार और कोई काम नही कर रही है । नीचे भ्रष्टाचार का एक उदाहरण हम दे रहे हैं । इसकी लिखित शिकायत पटना के सामाजिक कार्यकर्ता एवं पत्रकार दुर्गेश जी ने की है । सरकार के आलाधिकारियों को सब पता है लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई , उल्टे शिकायत करनेवाले अधिकारी को हीं तबादला का दंश झेलना पडा। लेकिन कार्रवाइ न होने से हतोत्साहित होकर लडाई बंद नही की जा सकती । यह राज्य नितीश जी के पिताश्री का नही है। सभी बिहारवासियों का इसपर अधिकार है और इसकी संपति की रक्षा करना भी हमारा अधिकार है । आप पढें, अपने-अपने स्तर से इसे हर मंच पर यहांतक की चाय-पान की दुकान पर इस मुद्दे को उठायें। आवाज इतनी बुलंद हो जाये कि नीतीश के कान के पर्दे फ़ट जाये । एक घटना का जिक्र करता हूं , आपको जनता की आवाज का अर्थ समझ में आ जायेगा। आपातकाल के दौरान सेंसरशिप लागू थी, पत्रकारों ने जय प्रकाश नाराय्न से शिकायत की , कहां उठायें जनता की आवाज को । जयप्रकाश नारायन ने कहा, रात को सन्नाटें में जब सडकें सुनसान हो , अपनी बात उनपे लिख दो, सुबह सबसे पहले लोग उसे हीं पढेंगें।

अब आप दुर्गेश जी का लिखा हुआ पढें ।





भ्रष्टाचार एवं सरकारी पैसों की बर्बादी का एक नमूना

by Durgesh Patna on Sunday, 18 September 2011 at 21:36 ·

भ्रष्टाचार एवं सरकारी पैसों की बर्बादी का एक नमूना

मुख्यमंत्री महोदय, बिहार सरकार, पटना

बिहार में भ्रष्टाचार के विरुद्ध छेड़ी गई आपकी मुहिम पर धन्यवाद। हमें पूर्ण विश्वास है कि चाहे पूरा भारत भ्रष्टाचार से मुक्त हो या न हो पर आपके नेतृत्व में कम से कम बिहार में तो भ्रष्टाचार की रीढ़ जरूर ही टूट जाएगी।

भ्रष्टाचार मुक्त बिहार के आपके सपने मे योगदान देने हेतु मै भी एक नागरिक की हैसियत से प्राप्त जानकारियों के आधार पर एक मामला आप के समक्ष रख रहा हूँ। उम्मीद है कि आप इस की जाँच निगरानी विभाग से करवाने की कृपा करेंगे।

यह मामला पथ निर्माण विभाग, बिहार, पटना के अंतर्गत गंगा पुल परियोजना प्रमंडल, गुलजारबाग, पटना में करोड़ों रुपयों के सरकारी पैसों की लूट एवं बबार्दी का है

--जहाँ मुख्य अभियंता, गंगा पुल परियोजना, पथ निर्माण विभाग, पटना एवं उनका कार्यालय अपने अधीन गंगा पुल परियोजना प्रमंडल, गुलजारबाग, पटना के शकील अहमद नाम के लिपिक से मिलकर घूस के लालच में उनके हाथों की कठपुतली बन गंगा पुल परियोजना की करोंड़ों की जमीन को आज की तारीख में मात्र हजारों में विस्थापितों को बेचवाने की कारवाई में लगा हैं।

--जहाँ शकील अहमद नामक लिपिक के द्वारा मुख्य अभियंता, गंगा पुल परियोजना, पथ निर्माण विभाग, पटना एवं उनके कार्यालय के संरक्षण में धड़ल्ले से सरकारी क्वाटरों को अवैध रूप से मासिक किराए पर चलाया जा रहा है।

--जहाँ शकील अहमद के द्वारा मुख्य अभियंता, गंगा पुल परियोजना, पथ निर्माण विभाग, पटना एवं उनके कार्यालय के संरक्षण में धड़ल्ले से सरकारी जमीनों को अवैध रूप से किराए पर उठाकर गायघाट पुल के नीचे कोने पर मारुति गैरेज, चाउमीन की दुकान, बालू की दुकान आदि अनेक दुकानों को मासिक किराए पर चलाया जा रहा है।

--जहाँ शकील अहमद मुख्य अभियंता, गंगा पुल परियोजना, पथ निर्माण विभाग, पटना एवं उनके कार्यालय के संरक्षण में धड़ल्ले से सरकारी आम, केला, लीची, ताड़ आदि के हजारों पेड़ों की नीलामी नही कर उनसे खुद पैसा कमा रहें हैं।

--जहाँ मुख्य अभियंता, गंगा पुल परियोजना, पथ निर्माण विभाग, पटना एवं उनके कार्यालय को यह पता ही नही है कि गंगा पुल परियोजना की कितनी सरकारी जमीन कहाँ कहाँ है क्योंकि शकील अहमद एवं सज्जाद हसन अमीन के द्वारा हजारों एकड़ सरकारी जमीन के सारे नक्शे गायब कर दिए गए हैं।

-- जहाँ शकील अहमद के द्वारा मुख्य अभियंता, गंगा पुल परियोजना, पथ निर्माण विभाग, पटना एवं उनके कार्यालय के संरक्षण में गायघाट पुल के नीचे कई एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध रूप से चाँद कोलोनी बसवाकर मासिक किराए वसूला जा रहा है।

-- जहाँ शकील अहमद के द्वारा मुख्य अभियंता, गंगा पुल परियोजना, पथ निर्माण विभाग, पटना एवं उनके कार्यालय के संरक्षण में जडुआ, हाजीपुर में पुल के नीचे कई एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कोलोनी एवं दुकानें बसवाकर मासिक किराया वसूला जा रहा है।

--जहाँ शकील अहमद के द्वारा मुख्य अभियंता, गंगा पुल परियोजना, पथ निर्माण विभाग, पटना एवं उनके कार्यालय के संरक्षण में सरकारी पैसों को साल साल भर सूद पर चलाने के बाद सरकार में जमा किया जाता है।

--जहाँ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता दिलीप बाबू ने सरकारी पैसों के गबन और जालसाजी के मामले में मुख्य अभियंता को तीन साढ़े तीन सौ पत्र लिखे पर मुख्य अभियंता ने कोई कारवाई नही की और अपने बचने के लिए कार्यपालक अभियंता दिलीप बाबू का ही दो वर्षों में ही स्थानांतरण करवा दिया जबकि नियम तीन साल का है। कार्यपालक अभियंता दिलीप बाबू का तो दो वर्षों में ही स्थानांतरण करवा दिया पर मुख्य अभियंता ने गंगा पुल परियोजना प्रमंडल, गुलजारबाग, पटना के कर्मचारियों का पिछले पचीस वर्षों से आज तक स्थानांतरण नहीं किया।

--जहाँ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता दिलीप बाबू के द्वारा शकील अहमद के ऊपर सरकारी पैसों के गबन और जालसाजी के मामले में आलमगंज थाना, पटना में केस दर्ज करने के बाद भी मुख्य अभियंता, गंगा पुल परियोजना, पथ निर्माण विभाग, पटना एवं उनके कार्यालय ने आज तक शकील अहमद पर कोई कारवाई नहीं की और शकील अहमद का स्थानांतरण नहीं कर उन्हे बचाने एवं उनके द्वारा सबूतों को मिटाने में उनका साथ दे रहें हैं।

--जहाँ पिछले पचीस वर्षों से आज तक कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं किया गया।

--जहाँ पिछले पचीस वर्षों से आज तक बिना किसी काम के 80-90 कर्मचारियों के वेतन पर सरकार का चालीस करोड़ लुटाया जा चुका है।

--जहाँ पिछले पचीस वर्षों से आज तक बिना किसी काम के तथा बिना आफिस आए दो तीन महीने पर एक दिन आफिस आकर हाजरी बनाई जाती है पर वेतन की नियमित निकासी होती है।

--जहाँ नहीं आने पर हाजरी काटने पर शकील अहमद के द्वारा रामलगन रजक, बड़ा बाबू को मिथिलेश कुमार नाम के एक गुन्डे चपरासी से पिटवाया जाता है। मिथिलेश कुमार वेतन सरकार से लेते हैं पर दिन भर खुद टेम्पो चलाते हैं।

--जहाँ शकील अहमद के द्वारा सरेआम एकाउंटेंट बाबू को जेल भिजवाने की धमकी दी गई क्योंकि वे शकील अहमद के काले कारनामों के साथी नही बन पाए।

--जहाँ शकील अहमद के द्वारा अशोक सिंह, ब्रह्मदेव बाबू, एकाउंटेंट बाबू और दिलीप बाबू को मारने की धमकी दी गई क्योंकि वे शकील अहमद के काले कारनामों के साथी नही बन पाए।

--जहाँ शकील अहमद के द्वारा मुख्य अभियंता, गंगा पुल परियोजना, पथ निर्माण विभाग के कार्यालय एवं उनके संरक्षण में हाजरी बही को फाड़ दिया जा रहा है या गायब कर दिया जा रहा है ताकि सबूत नहीं रहे।

--जहाँ शकील अहमद के द्वारा मुख्य अभियंता, गंगा पुल परियोजना, पथ निर्माण विभाग के कार्यालय एवं उनके संरक्षण में सरकारी जमीन पर निजी व्यक्ति द्वारा लगाए गए हॅाट मिक्स प्लांट का चार साल का 30 लाख रूपए से ज्यादा का सरकारी किराया आजतक वसूल नही किया गया और अब हॅाट मिक्स प्लांट लगाने वाला निजी व्यक्ति अपना हॅाट मिक्स प्लांट उठाकर चला भी गया है।

--जहाँ सुनील कुमार सिंह नामक बाहुबली पथबेलन चालक द्वारा मसौढ़ी में पदस्थापन के बाद भी पटना की दर से मकान किराया भत्ता अपने बाहुबल पर मुख्य अभियंता के संरक्षण में लिया जा रहा है और सरकार को लाखों की चपत लगाई जा रही है।

--जहाँ कई कर्मचारी अवैध रूप से फर्जी ढ़ग से बहाली होकर भी आज तक बने हुए हैं और मुख्य अभियंता एवं उनके कार्यालय के द्वारा मामलों को दबा दिया जा रहा है।

--जहाँ प्रभुनंदन झा नाम के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी अवैध रूप से फर्जी ढ़ग से तृतीय श्रेणी के लिपिक के पद का वेतन ले रहे हैं जबकि वे चतुर्थ श्रेणी के चपरासी हैं।

--जहाँ शकील अहमद के द्वारा मुख्य अभियंता, गंगा पुल परियोजना, पथ निर्माण विभाग, पटना के संरक्षण में ठेकेदारों की लाखों की बैंक गारंटी लैप्स करवाई जा चुकी है और मुख्य अभियंता एवं उनके कार्यालय के द्वारा मामलों को दबा दिया गया है।

--जहाँ विश्वनाथ पांडेय के सेवा निवृति के छह माह बाद भी उनके सेवांत लाभों का कोई भुगतान आजतक उन्हे नही किया गया क्योंकि शकील अहमद ने उनकी 127 मापी पुस्तिकाएँ गायब कर रखी हैं।

--जहाँ बृजकिशोर सिंह, पत्राचार लिपिक मुख्य अभियंता, गंगा पुल परियोजना, पथ निर्माण विभाग, पटना के संरक्षण में सरेआम कार्यालय परिसर में विस्थापितों से घूस लेते हैं और कार्यालय परिसर में ही शराब का दौर चलाते हैं। बिना घूस के बृजकिशोर सिंह कोई मामला निष्पादित नहीं करते है जिसकी जाँच उन्हें प्राप्त कराए गए पत्रों एवं उनके द्वारा निष्पादित पत्रों की सूची से की जा सकती है।

--जहाँ बृजकिशोर सिंह, पत्राचार लिपिक द्वारा सरेआम कार्यालय परिसर में ही शराब का दौर चलाने की जानकारी वहाँ रहने वाले कुंदन नाम के चौकीदार से ली जा सकती है।

--जहाँ बृजकिशोर सिंह, पत्राचार लिपिक और शकील अहमद के द्वारा मुख्य अभियंता, गंगा पुल परियोजना, पथ निर्माण विभाग, पटना के संरक्षण में स्व0 लाल बाबू प्रसाद, कार्यभारित जीप चालक को 94,390.00 का फर्जी भुगतान कर दिया और मुख्य अभियंता एवं उनके कार्यालय के द्वारा मामले को दबा दिया गया है।

--जहाँ शकील अहमद के द्वारा मुख्य अभियंता, गंगा पुल परियोजना, पथ निर्माण विभाग, पटना के संरक्षण में पिछले आठ दस वर्षों से गलत रुप से रोकड़ संचालन भत्ते की निकासी की गई और मुख्य अभियंता एवं उनके कार्यालय के द्वारा मामले को दबा दिया गया है।

--जहाँ अरविंद और निरंजन नाम के चपरासियों द्वारा शकील अहमद, सज्जाद हसन, बृजकिशोर सिंह, सुनील कुमार सिंह और मुख्य अभियंता का भेद खोलने के डर से इन दोनों चपरासियों को तंग कराने के लिए इनकी प्रतिनियुक्ति मुख्य अभियंता के कार्यालय में करवाने की साजिश रची जा रही है।

--जहाँ इस तरह के घोटालों की निगरानी विभाग से जाँच करवाने के लिए प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता दिलीप बाबू की ओर से मुख्य अभियंता को लिखे गए तीन साढ़े तीन सौ पत्रों के बावजूद मुख्य अभियंता, गंगा पुल परियोजना, पथ निर्माण विभाग, पटना के द्वारा निगरानी विभाग से जाँच नही करवा कर मामलों को दबा दिया गया है।

अतः अनुरोध है कि शकील अहमद, सज्जाद हसन, बृजकिशोर सिंह, सुनील कुमार सिंह जैसे लोगों का अन्यत्र जिलों में स्थानांतरण कर इन मामलों की निगरानी विभाग से जाँच करवाने की कृपा करते हुए भ्रष्टाचारियों की रीढ़ तोड़ते हुए विश्वनाथ पांडेय के सेवा निवृति लाभों को दिलाने की कृपा करें।





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Comments

  1. सच्चाई को लिखने के हौसले के लिए गंगा पुल परियोजना के गुलजारबाग,पटना मे रहने वाले सभी विस्थापितों की ओर से आपका बहुत बहुत आभार ।
    बी0 के0 सिंह और शकील अहमद की घूसखोरी से मैं भी परेशान हूँ। प्लौट आवंटन को लेकर पिछले कई वर्षों से ये लोग मुझे दौड़ा रहे हैं। इन दोनों ने मुझसे ठगकर धोखे और जालसाजी से एक बड़ी राशि भी ले ली और अब मैं न्याय के लिए गंगा पुल परियोजना प्रमंडल और मुख्य अभियंता के यहाँ दौड़ते दौड़ते निराश हो चला हूँ। इन के खिलाफ मेरे पास भी कई पेपर हैं। विनम्र प्रार्थना है कि मेरे पूरे मामले को भी देखकर मुझे भी प्लौट दिलाने की कृपा करें। मेरी इतनी जमीन अधिग्रहण के बाद भी मुझे आज तक प्लौट नही मिला और जिसकी एक दो कट्ठा जमीन अधिग्रहित की गई उन्हे कई कई प्लौट आवंटित हुए। मेरे साथ भी न्याय करने की कृपा करें।
    प्रार्थी- विश्वनाथ महतो, पो0-झाऊगंज, थाना-खाजेकलां, दीवान मुहल्ला (दुल्ली घाट), गुलजारबाग, पटना सिटी-800008

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  2. Yah Maamla Kaafi Sangeen aur mahatwapurn hai. mai eski sacchai ko janta ke saamne laana chahta hun. agar sambhav ho to en aaropon se sambandhit documents uplabdh karwa den. mai un logon se bhi bat karna chahta hun jinhone es maamle ka pardafaash kiya hai. agar ho sake to unka number bhi bhej den

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  3. पत्रकारिता सिर्फ़ लिखने का नाम नही है। एक्टिविस्ट जर्नलिज्म हीं असली पत्रकारिता है बाकी तो मात्र अपनी नौकरी बजाते हैं । बिहार मीडिया इसके बारे में अधिकारियों के स्तर से लेकर हर उस मोर्चे पर जहां से न्याय मिल सके उठाने का काम करेगा । आप सब जिनके साथ भी पक्षपात हुआ है बिहार मीडिया से फ़ोन या इमेल के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराने का कष्ट करें। 0631- 2223223, 8797006594

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