रुस- अमेरिकी मैच में भारत है फ़ुटबाल



रुस- अमेरिकी मैच में भारत है फ़ुटबाल

अभी देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक भावनात्मक बयान दिया है कि कुदानकुल्लम आणविक परियोजना का विरोध कर रहे एन जी ओ , people’s movement against nuclear energy  संगठन को अमेरिका की आर्थिक मदद मिल रही है इस योजना का विरोध करने के लिये । प्रधानमंत्री ने लालबुझकडकर की तरह हरकत की , जब उनको यह पता था और वे आम जनता को यह जानकारी उपलब्ध करा रहें थें तो उनका फ़र्ज बनता था उस संगठन का नाम भी बतायें जो एन जी ओ की आर्थिक मदद कर रहा है ।.संदीप दीक्षित को सभी जानते हैं । संदीप एन जी ओ चलाते थें और देश के सभी एन जी ओ की नस नाडी से अच्छी तरह परिचित हैं। अब रह गई बात अमेरिका की मदद की तो जब मनमोहन सिंह जी ने देश को हीं गिरवी रख दिया है अमेरिका के हाथ में तो इस तरह की बयानबाजी का अर्थ क्या है ? गुटनिरपेक्ष आंदोलन की हत्या कर के मनमोहन ने न सिर्फ़ देश को अमेरिका के रहमो करम पर छोड दिया बल्कि कांग्रेस के आनेवाले नेतर्तव के लिये भी एक मुसीबत खडी कर दी ।  मनमोहन जी भारत आपके शासनकाल में अमेरिका -रुस के बीच एक फ़ुटबाल बनकर रह गया है क्योंकि आपने गुटनिरपेक्ष आंदोलन को खत्म कर दिया । जहांतक परमाणू सयंत्र के विरोध की बात है तो मनमोहन सिर्फ़ यह क्यों नहीं बताते कि उक्त सयंत्र से पैदा होनेवाली बिजली का लाभ किसको मिलेगा ? मात्र कुछ व्यवसायिक घरानों के औद्योगिक हित  के लिये उस सयंत्र को बैठाने का क्या अर्थ है ? यह भी मनमोहन सिंह को बताना चाहिये कि आजतक बिजली उत्पादन का कितना प्रतिशत गांवो को मिला ? मनमोह्न जी आप देश को बर्बाद कर चुके हैं । आप भारत के गोर्बाचोव हैं । भारत को ्रुस की तरह बर्बाद करने के बाद आप बडे आराम से अमेरिका में जा बसेंगें , हम क्या करेंगें ? आप यह न बोलें कि आपको देश से प्रेम है , आप नौकरशाह थें , किस्मत अच्छी निकली प्रधानमंत्री बन गयें । आपने अपनी जिंदगी में देश के लिये क्या किया प्रधानमंत्री बनने के पहले ? तमिलनाडु बिहार या यूपी नही है जहां के लोगों का भावनात्मक शोषण आप लोग करते हैं । तमिलनाडु के लोगों को पता है खासकर के उक्त परमाणु सयंत्र के आसपास के निवासियों को कि यह प्लांट अमीरो की फ़ैक्टरियों को अबाध रुप से बिजली उपलब्ध कराने के लिये ्बनाया जा रहा है । इस प्लांट के आसपास के निवासियों के लिये यह प्लांट उनकी आनेवाली जेनरेशन के लिये हमेशा एक खतरा बना रहेगा । मनमोहन सिंह आप अब तो सुधर जायें आपका अंतिम समय है क्या जवाब देंगें इश्वर को ?


टिप्पणी के साथ अपना ई मेल दे जिस पर हम आपको जवाब दे सकें

Comments

Post a Comment

टिपण्णी के लिये धन्यवाद

Popular posts from this blog

आलोकधन्वा की नज़र में मैं रंडी थी: आलोक धन्वा : एक कामलोलुप जनकवि भाग ३

भूमिहार :: पहचान की तलाश में भटकती हुई एक नस्ल ।

भडास मीडिया के संपादक यशवंत गिरफ़्तार: टीवी चैनलों के साथ धर्मयुद्ध की शुरुआत