अखबारों के पीएम का बुरा हश्र
अखबारों के पीएम का बुरा हश्र
एक बुरी खबर है , नामचीन पत्रकारों के लिये। प्रभात खबर के हरवंश जी तथा उनके सिपहसलार सुरेन्द्र किशोर जी को इस खबर के पढने के बाद दिल का दौरा पडने का भी डर पैदा हो गया है । हां अक्कू श्रीवास्तव , हिंदुस्तान अखबार के जरुर प्रसन्न होंगें क्योंकि बहुत अपमान झेला है उन्होनें।
जदयू ने यूपी के चुनाव में अपने प्रत्याशी खडे किये हैं। इसी बहाने मतदाताओं की भावना जनने का प्रयास है । आज यूपी के बस्ती जिले में जदयू के उम्मीदवार फ़जल रहमान के लिये चुनाव प्रचार करने लाखो रुपया खर्च कर के हेलीकाप्टर से जातिवादी सडक से समाजवाद की मंजिल तलाशने वाले स्वंयभू समाजवादी नेता शरद यादव चुनावी सभा करने गये थें। लेकिन सभा स्थल पर उनका उम्मीदवार हीं गायब था। चलिये ऐसा चुनाव के दौरान होता है जब प्रत्याशी अपने क्षेत्र में प्रचार करने में व्यस्त हो। लेकिन दिक्कत यह हुई कि प्रत्याशी के साथ साथ श्रोता भी नदारत थें। शरद यादव ने दायें बायें देखा , सिर्फ़ खाली मैदान नजर आया । हां जहां हेलीकाप्टर खडा था , वहां उसे देखने वाले गांववासी भीड लगाये हुये थें, उन सबको बुलाने का प्रयास किया गया कि भाइ कम से कम भाषण तो सुन लो उसके बाद देखना हेलीकाप्टर , लेकिन वे भी नहीं आयें। यह बहुत बडा झटका है नीतीश से ज्यादा उनके चमचे पत्रकारों के लिये जिनमें हरवंश जी और सुरेन्द्र किशोर एक नंबर पर हैं। भाजपावादी –धर्मनिरपेक्ष दल जदयू ने वहां से मुस्लिम उम्मीदवार दिया था , अपनी धर्मनिरपेक्षता को परखने के लिये , जनता ने नकार दिया । अगर ऐसे हीं हालात रहें तो कहीं २०१४ में बिहार में भी खाली मैदान में हरित क्रांति वाले खेतों को अपना भाषण न सुनाना पडे जदयू के नेताओं को । हरवंश जी वैसे तो आदमी थें काम के आजकल हो गये हैं बेकाम ।वैसे शरद का यह हश्र देखकर भाजपा के नेता बडे प्रसन्न हैं। शरद यादव एन डी ए के संयोजक तथा जदयू के अध्यक्ष हैं ।
जदयू ने यूपी के चुनाव में अपने प्रत्याशी खडे किये हैं। इसी बहाने मतदाताओं की भावना जनने का प्रयास है । आज यूपी के बस्ती जिले में जदयू के उम्मीदवार फ़जल रहमान के लिये चुनाव प्रचार करने लाखो रुपया खर्च कर के हेलीकाप्टर से जातिवादी सडक से समाजवाद की मंजिल तलाशने वाले स्वंयभू समाजवादी नेता शरद यादव चुनावी सभा करने गये थें। लेकिन सभा स्थल पर उनका उम्मीदवार हीं गायब था। चलिये ऐसा चुनाव के दौरान होता है जब प्रत्याशी अपने क्षेत्र में प्रचार करने में व्यस्त हो। लेकिन दिक्कत यह हुई कि प्रत्याशी के साथ साथ श्रोता भी नदारत थें। शरद यादव ने दायें बायें देखा , सिर्फ़ खाली मैदान नजर आया । हां जहां हेलीकाप्टर खडा था , वहां उसे देखने वाले गांववासी भीड लगाये हुये थें, उन सबको बुलाने का प्रयास किया गया कि भाइ कम से कम भाषण तो सुन लो उसके बाद देखना हेलीकाप्टर , लेकिन वे भी नहीं आयें। यह बहुत बडा झटका है नीतीश से ज्यादा उनके चमचे पत्रकारों के लिये जिनमें हरवंश जी और सुरेन्द्र किशोर एक नंबर पर हैं। भाजपावादी –धर्मनिरपेक्ष दल जदयू ने वहां से मुस्लिम उम्मीदवार दिया था , अपनी धर्मनिरपेक्षता को परखने के लिये , जनता ने नकार दिया । अगर ऐसे हीं हालात रहें तो कहीं २०१४ में बिहार में भी खाली मैदान में हरित क्रांति वाले खेतों को अपना भाषण न सुनाना पडे जदयू के नेताओं को । हरवंश जी वैसे तो आदमी थें काम के आजकल हो गये हैं बेकाम ।वैसे शरद का यह हश्र देखकर भाजपा के नेता बडे प्रसन्न हैं। शरद यादव एन डी ए के संयोजक तथा जदयू के अध्यक्ष हैं ।
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