दुनिया में सबसे ज्यादा कैदी अमेरिकी जेल में


   दुनिया में सबसे ज्यादा कैदी अमेरिकी  जेल में

एक लाख में ७४३ अमेरिकन जेल में

दुनिया के पचीस प्रतिशत कैदी अमेरिकन जेलों में

दुसरे नंबर पर रवांडा तिसरे पर रुस तथा चौथे पर चीन

काले कैदियों  की संख्या आबादी के हिसाब से ज्यादा

बुढे और बिमार से भरी पडी है अमेरिकन जेलें

अमेरिका मे हैं प्रायवेट जेलें
२२ लाख डालर  प्रायवेट जेले खर्च करती हैं  राजनीतिक दलों को चंदा देने में

हर चमकने वाली चीज सोना नही होती है। भारत की सरकार को यह समझने की जरुरत है । विगत दो दशकों से देश अमेरिकन पूंजीवाद के जाल में फ़सता जा रहा है । कभी निरपेक्ष विदेश नीति की वकालत करनेवाला और गुटनिरपेक्ष दलों का नेता भारत आज छोटीछोटी जरुरत के लिये अमेरिका का मुहताज हो चुका है । अपनी मर्जी से इरान से तेल नही खरीद सकता और इरान से तेल खरीदने के लिये अमेरिका का समर्थन सिरिया के मुद्दे पर करना पडा। यह है हमारी विदेश नीति।
 प्रणव मुखर्जी जैसे नेता ने हुंकार भरते हुये दो दिन पहले कहा था कि भारत इरान से तेल खरीदना नहीं बंद करेगा । यह नही बता सकें कि भुगतान कैसे होगा । जब अमेरिका ने प्रतिबंध लगा रखा है तो डालर में भुगतान कर नहीं सकते , उपाय बचता है सोना। प्रणव मुखर्जी की हुंकार का सच आज सामने आ गया जब भारत ने सिरिया मसले पर अमेरिका के पक्ष में मतदान किया , चीन और रुस ने विरोध किया । वीटो लगाया । चीन और रुस की बात तर्कसंगत थी , प्रतिबंध लगाने या सैन्य कार्रवाई करने की बात है तो वह सिरिया की सरकार के साथ साथ विद्रोही गुटो पर भी लगनी चाहिये । भारत हमेशा अमेरिका और रुस के बीच विरोध की अवस्था में वोट नही देने की नीति अपनाता था । सबको पता है इसबार अमेरिका के पक्ष में वोट  देने का अर्थ इरान से तेल  आयात के लिये छूट मांगना है । हम वस्तुत: आर्थिक गुलामी में जी रहे हैं । दावा चाहें  कुछ  भी करे सरकार ।

मानवाधिकार की वकालत करनेवाले अमेरिकी दावे का सच इस रिपोर्ट से जाहिर होता है जिसके अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा कैदी अमेरिकन जेलो में हैं । दुनिया भर के कैदियों की संख्या का पचीस प्रतिशत सिर्फ़ अमेरिका में है।  । अमेरिका में जेल भी प्रायवेट हैं यानी निजी क्षेत्र में । तकरीबन १,२९,३३६ कैदी प्रायवेट जेलों में बंद हैं । प्रायवेट जेलों के मालिक चुनाव के दौरान २२ लाख डालर का चंदा राजनीतिक दलों को देते हैं , उनकी रुची ज्यादा से ज्यादा संख्या में कैदी हो इसमें होती है। महिला कैदियों की संख्या एक लाख चौदह हजार है । कैदियों में गरीबों की संख्या ज्यादा है । एक कहावत कैदियों के बीच प्रसिद्ध है । आपतब तक दोषी हैं जबतक गरीब हैं । सब मिलाकर २९ लाख अमेरिकन जेलों में बंद हैं। सजायाफ़्ता कैदियों की संख्या १६ लाख है ।कैलिफ़ोर्निया में सबसे ज्यादा सोलह लाख कैदी हैं।  अधिकांश कैदी मानसिक रुप से बिमार पड  जाते हैं। अमेरिका में सुधारवादी नीति नही है । वहां की जेलों में बुजुर्ग कैदियों की संख्या बहुत ज्यादा है । ढेर सारे कैदी वैसे हैं जो कभी जिंदा जेल से बाहर नहीं आयेंगें। काले कैदियों की संख्या गोरों के मुकाबले आठ  गुना ज्यादा है । ड्रग लेने के आरोप में बंद कैदियों की संख्या न सिर्फ़ ज्यादा है बल्कि काले गोरों से ज्यादा इस आरोप में जेल में हैं जबकि ड्रग के बारे में रिसर्च करनेवाली संस्थाओं का मानना है कि ड्रग लेनेवालों की संख्या में काले तथा गोरों में अंतर नही है यानी मात्र गरीबी कारण है कालों की संख्या ज्यादा होने का। यह काला सच है गोरे अमेरिका का।सामजशास्त्रियों का मानना है कि अपराध तथा आर्थिक विकास का आपस में गहरा संबंध हैं । अमेरिका जो दिखाता वह सच नही है ।  अगर अब भी हम नहीं चेते तो शायद अपनी आजादी बचानी मुश्किल होगी ।








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