टाइम्स आफ़ इंडिया के कार्यालय में तोडफ़ोड


टाइम्स आफ़ इंडिया के कार्यालय में तोडफ़ोड

कल दोपहर में मुंबई के छत्रपति शिवाजी क्षेत्र में स्थित टाइम्स आफ़ इंडिया के कार्यालय में सैकडो शिव सैनिकों ने तोडफ़ोड की । तोडफ़ोड का कारण था एक समाचार जो शिव सेना के अमरावती क्षेत्र से सांसद आनंद राव अदसुल के एन सी पी में जाने की संभावना से संबंधित था । टाइम्स  ने समचार की सत्यता को परखे बिना यह समाचार प्रकाशित कर दिया कि अडसुल एन सी पी में जाने वाले हैं। अखबारों की चाल को समझना मुश्किल है । जैसे बिहार में प्रभात खबर, दैनिक जागरण और हिंदुस्तान सरकार की चापलूसी में दिन रात एक किये हुये हैं। इस हमले को मैं अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रहार नहीं मानता । गलत करोगे , फ़ल भोगना पडेगा । मैने पहले भी लिखा है , पत्रकारिता में आ रही गिरावट के कारण आने वाले समय में पत्रकारों को लोग दौडा दौडा कर पिटेंगें। आज अगर यह जांच हो कि इस समाचार को किसके इशारे पर टाइम्स आफ़ इंडिया ने प्रकाशित किया था तो सच सामने आ जायेगा। पेड न्यूज की शुरुआत दैनिक जागरण ने की थी , फ़ल सबको भोगना पड रहा है , अभी नगर निगम के चुनाव बिहार में होने जा रहे हैं , चुनाव के दौरान तो चुनाव आयोग की नजर न्यूज पर रहेगी , इसलिये प्रभात खबर और दैनिक जागरण ने अभी से मुर्गा हलाल करना शुरु कर दिया है । रोजाना किसी न किसी वार्ड पार्षद की प्रशंसा में समाचार प्रकाशित कर रहे हैं जब्कि सच्चाई यह है कि अगर जांच हो तो सारे के सारे वार्ड पार्षद जेल के अंदर होंगे। जरुरत आ गई है , पत्रकार और अखबारो पर जूते बरसाने की ।



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