जातिवाद के खिलाफ़ कारगर उपाय अन्तरजातिय विवाह
जातिवाद के खिलाफ़ कारगर उपाय अन्तरजातिय विवाह
मेरा अपना मानना है कि जातिवाद के खिलाफ़ नेताओं के भाषण देने से काम नही चलनेवाला । नेता चाहते हैं जातिवाद बना रहे , इसका सबसे अच्छा उपाय है अन्तरजातिय विवाह ।एक ऐसा हीं मामला मेरे सामने आया । लडकी पिछडे ्वर्ग की , लडका सवर्ण वर्ग का। लडकी को लडके से प्यार था । मा - बाप ने शादी तय कर दी । लडकी नही चाहती थी शादी करना । लडका और लडकी भाग गये । लडकी के पिता मेरे मित्रो में से हैं। मेरे पास आयें मैं मर गया , बर्बाद हो गया , लडकी घर से भाग गई । रोने लगें मैने समझाया भाई आपने उसकी शादी तय कर दी थी , उसको नही करना था । अब आप चाहकर भी कुछ नहीं कर सकतें । अच्छा है उन दोनों की शादी कर दें। समाज क्या कहेगा , मैने फ़िर समझाया शायद हीं इस मुल्क में शहरों में रहनेवाला कोई परिवार हो जिसके यहां या उसके रिश्तेदारी में अन्तरजातिय शादी न हुई हो । समाज सिर्फ़ पैसा देखता है , अन्यथा अमिताभ से लेकर कमलापति त्रिपाठी के परिवार तक में ऐसी शादी हुई है और ये अपनी जाति में सम्मान की नजर से देखे जाते हैं। खैर बहुत समझाने पर तैयार हो गयें। लडका के पिता और परिवार नहीं तैयार थें। केस मुकदमा भी हो चुका था। किसी तरह लडका - लडकी को बुलाया गया । लडके के परिवार के लोग भी आयें लेकिन मां बाप नहीं आयें। लडके के पिता नेताओं का चक्कर लगा रहे थें शादी रोकवाने के लिये । आज शादी हो गई मंदिर में। किसी ने पुलिस को खबर कर दी । लडका - लडकी फ़िर निकल गयें बाहर । शायद यह अपनी तरह का एक अनूठा हनीमून होगा। मैं लडके की जमानत करवाउंगा। मुझे खुशी है । एक अच्छी शुरुआत हुई । इस तरह की शादी आनेवाले समय में जातिवाद को समाप्त करने का कार्य करेगी । वैसे दिल्ली के रहनेवालों के लिये ्वहां के वरीय पुलिस अधिकारी आमोद कंठ एक उदाहरण हैं । स्वंय कायस्थ और उनकी पत्नी भुमिहार । बहुत पहले जब शायद गैर जाति में शादी करने के बारे में कोई सोच भी नही सकता था , आमोद कंठ ने यह क्रांतिकारी कदम उठाया था। दिल्ली के लडके लड्की को आमोद कंठ अश्वय मदद करेंगें , अगर इस तरह की कोई परेशानी आई तो .
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मेरा अपना मानना है कि जातिवाद के खिलाफ़ नेताओं के भाषण देने से काम नही चलनेवाला । नेता चाहते हैं जातिवाद बना रहे , इसका सबसे अच्छा उपाय है अन्तरजातिय विवाह ।एक ऐसा हीं मामला मेरे सामने आया । लडकी पिछडे ्वर्ग की , लडका सवर्ण वर्ग का। लडकी को लडके से प्यार था । मा - बाप ने शादी तय कर दी । लडकी नही चाहती थी शादी करना । लडका और लडकी भाग गये । लडकी के पिता मेरे मित्रो में से हैं। मेरे पास आयें मैं मर गया , बर्बाद हो गया , लडकी घर से भाग गई । रोने लगें मैने समझाया भाई आपने उसकी शादी तय कर दी थी , उसको नही करना था । अब आप चाहकर भी कुछ नहीं कर सकतें । अच्छा है उन दोनों की शादी कर दें। समाज क्या कहेगा , मैने फ़िर समझाया शायद हीं इस मुल्क में शहरों में रहनेवाला कोई परिवार हो जिसके यहां या उसके रिश्तेदारी में अन्तरजातिय शादी न हुई हो । समाज सिर्फ़ पैसा देखता है , अन्यथा अमिताभ से लेकर कमलापति त्रिपाठी के परिवार तक में ऐसी शादी हुई है और ये अपनी जाति में सम्मान की नजर से देखे जाते हैं। खैर बहुत समझाने पर तैयार हो गयें। लडका के पिता और परिवार नहीं तैयार थें। केस मुकदमा भी हो चुका था। किसी तरह लडका - लडकी को बुलाया गया । लडके के परिवार के लोग भी आयें लेकिन मां बाप नहीं आयें। लडके के पिता नेताओं का चक्कर लगा रहे थें शादी रोकवाने के लिये । आज शादी हो गई मंदिर में। किसी ने पुलिस को खबर कर दी । लडका - लडकी फ़िर निकल गयें बाहर । शायद यह अपनी तरह का एक अनूठा हनीमून होगा। मैं लडके की जमानत करवाउंगा। मुझे खुशी है । एक अच्छी शुरुआत हुई । इस तरह की शादी आनेवाले समय में जातिवाद को समाप्त करने का कार्य करेगी । वैसे दिल्ली के रहनेवालों के लिये ्वहां के वरीय पुलिस अधिकारी आमोद कंठ एक उदाहरण हैं । स्वंय कायस्थ और उनकी पत्नी भुमिहार । बहुत पहले जब शायद गैर जाति में शादी करने के बारे में कोई सोच भी नही सकता था , आमोद कंठ ने यह क्रांतिकारी कदम उठाया था। दिल्ली के लडके लड्की को आमोद कंठ अश्वय मदद करेंगें , अगर इस तरह की कोई परेशानी आई तो .
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