पुलिस अधिकारी की मौत एक हादसा है
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मध्य प्रदेश में एक आइ पी एस अधिकारी की नाजायज पतथ्र से लदे एक ट्रैक्टर के पलट जाने से मौत हो गई । टीवी और न्यूज चैनलों ने तथ्यों को समझे बगैर इसे जानबूझकर हत्या का रंग दे दिया । सनसनी फ़ैलाना आदत है चैनल वालों की । निस्संदेह यह एक दुखद घटना है । एक युवा की इस तरह मौत उसके परिवार के लिये एक त्रासदी है । पत्नी गर्भवती थी ।लेकिन टीवी चैनलों का रवैया तो उससे भी बुरा है । अधिकारी का परिवार घटना स्थल पर नही था । घायल अवस्था में अस्पताल ले जाते समय उस अधिकारी की मौत हो गई । पुलिस की नौकरी में हर कदम पर खतरा होता है । अभी कल कश्मीर की एक घटना टीवी पर देखा । सेना का एक जवान दो औरतों को मारने के बाद , हाथ में रायफ़ल लिये छत पर खदा था और अपनी पत्नी की हत्या करने के बाद हीं सरेंडर करने की बात कह रहा था , पुलिस के एक डीएसपी रैंक के अधिकारी ने जान हथेली पर रखकर पिछे से जाकर उसे पकडा । किसी सिनेमा से कम खतरनाक दर्श्य नही था । कुछ भी हो सकता था , अगर आहट लग जाती तो शायद वह डिएसपी पर गोली चला सकता था । छिना झपटी में भी गोली चल सकती थी । एक ४७ खतरनाक हथियार होता है । खैर मेरे कहने का अर्थ है कि पुलिसवाले अपनी जान जोखिम में डालकर काम करते हैं यह एक सच है हालांकि जैसी विकट परिस्थितियों में पुलिस काम करती है , उस हिसाब से उसे सुविधा नही दी जाती है । लेकिन वर्तमान हादसे में टीवी चैनल वालों ने सारे मामले को सन्सनीखेज बना डाला है । उन्हें यह दुर्घटना कभी साजिश दिखती है तो कभी हत्या । अगर टीवी चैनल वालों की बात मान भी ली जाय कि ट्रैक्टर चालक ने जानबूझकर ट्रैक्टर से धका मारा तभी भी यह culpable homicide not amounting to murder का मामला बनता है ।
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