मनमोहन चाचा अब पिंड छोडियेगा
मनमोहन चाचा अब पिंड छोडियेगा
चाचा आप और आपके सखा मंटोक के मजाक से हम अब तंग आ गये हैं। २६ रुपया में भोजन कहां मिलेगा यह तो आप दोनो बताते नहीं , हम भुखे हैं क्या करें ? प्रति व्यक्ति सालान आय साठ हजार , यहां चार आदमी का परिवार और माह की आय दो से तीन हजार , बाकी पैसा कौन से बैंक में मंटोक चाचा ने जमा कर दिया है बता देतें तो उससे घर की मरम्मत करवा लेतें। बच्चों की शिक्षा के लिये मंटोक चाचा ने शिक्षा अधिभार नाम से एक नया टैक्स लगाया था , आस बंधी थी कि अब मुफ़्त में अच्छे स्तर की शिक्षा हमारे बच्चों को भी मिल जायेगी , लेकिन पता नही चलता है , उ पैसा से कौन पढ रहा है । हमलोग तो प्रायवेट में पढा रहे हैं कि कम से कम बेटा – बेटी सरकारी स्कुल के मास्टर साहब जैसा खैनी खाना न सीखे। सोचे थें कि इंजीनियर डाक्टर बनायेंगें लेकिन पता चला कि ओकरा में पास सात लाख रुपया लगेगा , अगर पाकिट में माल न हो तो घर द्वार बेच कर लगाओ और अगर कुछ भी न हो तबो चिंता के बात नही है , चाचा मंटोक बैंक से शिक्षा वास्ते कर्ज दिलवा देंगें, लेकिन जब पुछे की करजवा चुकायेगा कौन तो पता चला कि बेटवा नौकरी में आवे पर चुकावेगा न तो बाप के चुकावे पडेगा माने बेटा के पढावे ला बाप बेटा दोनो बंधक , इ कौन नियम है मनमोहन चाचा ? पहली सुनते थें कि पढाई लिखाई , इलाज के जिम्मा सरकार के रहता है औ उसी वास्ते सरकार टैक्स लगाती है , उ नियम काहें बदल दियें मनमोहन चाचा ? एगो और नियम आप बना दिये और उसका नाम भी बडा अच्छा रखें, सरफ़ेशी एक्ट एक दम सरफ़रोशी एक्ट लगता है , जो गरीब आदमी कहीं से जमीन खरीद लिया तो बैंकवा मकान बनावे ला करज दे देता है लेकिन अगर करज न चुकाये समय पर या किसती जमा करे में देर भइलो समझ ल लग गया सरफ़रोशी एक्ट । मकान त निलाम होगा हीं साथे साथ जमीन भी । आय चाचा बैंकवा से तो करज मकान ला लिये थे न , जमीनवा तो हमारे था , मकनवा भी ले लिया और जमीनवा भी , कहां रहें, कौनो व्यवस्था आप नही किया जेकरा पास रहे के जगह न हो तो कहीं रह सके । चाचा जब से आप और भाजपा वाले अमेरिका बने के सपना दिखाना शुरु किये हैं , तब से बडका बडका हस्पताल खुल गया है । नहियों बिमार हैं तो मन करेगा बिमार पडे के , लेकिन गलती से बिमार पडे नहीं, घर द्वार बिक जायेगा । चाचा इ कौन तरह के विकास करे हैं आप , हस्पताल है, डाक्टर है लेकिन जेब में कौडी नही तो मरे के अलावा कोई रास्ता न । एक बात बोले चाचा , आप औ मनटोक दोनो अब अमेरिका चल जाईये हमनी पर दया करिये , न तो गुस्सा आ गया न तो सिहासन खाली करो कि जनता आती है , हो जायेगा ।
टिप्पणी के साथ अपना ई मेल दे जिस पर हम आपको जवाब दे सकें
एकदम अमेरिका चलिए जाइये सब भूत पिशाचों को लेकर!
ReplyDelete