शराब का समाज शास्त्र
शराब चीज हीं ऐसी है , गजल अच्छी है , मुझे भी लगती है , आपको भी लगती होगी । शराब समाजवाद है , उसे पीनेवाले पूंजीवादी । बडा अच्छा कन्ट्रास्ट है । जब पीनेवाले पूंजीवादी हैं तो शोषण तो करेंगें हीं । भरपूर शोषण करते हैं शराब का, उसे भी बांट दिया है वर्ग में। ठर्रा , महुआ, देश में बनी विदेशी शराब , स्काच , वाइन , ढेर सारा वर्ग है । वर्ग तो चलता है , इंसान में भी , गोरा , काला, लंबा, मंगोलियन , अफ़्रिकन । लेकिन इंसान के समाज शास्त्र से इतर है शराब का समाज शास्त्र । आप शराब नहीं पीते हैं तब भी समझ जायेंगें उसके समाज शास्त्र को । आपके यहां शादी ब्याह का कार्यक्र्म तो हुआ होगा । लोगों को निमंत्रित भी किया होगा । सभी तरह के लोग होंगे उस निमंत्रण में शामिल । लेकिन आप तलाशते होंगें किसी नामधारी, पदधारी, पैसाधारी को । आपकी नजर रहती होगी गाडियों की कतार पर । कितनी गाडिया लगी हैं , कितने लोग गाडियों से आये हैं, सबसे महंगी गाडी कौन सी है । आपको समाज में अपना स्तर इन गाडियों से हीं नजर आता है , वही बात है शराब के साथ । आप कौन सी शराब पीते हैं इससे आपके स्तर का पता चलता है , हालांकि वह वाकई आपका स्तर होता नही। आपकी शराब कितनी महंगी है , यह आप दिखाना चाहते हैं , आप चाहते हैं कि आपकी महंगी शराब से लोग आपको उच्च मानसिकता का समझें। लेकिन आप होते हैं निम्न मानसिकता के। आप पीते समय यह भी भूल जाते है कि आपके बाप ठर्रा पीते थें , ठिक उसी तरह जैसे आरक्षण से आया हुआ अधिकारी भूल जाता है कि वह अपनी योग्य्ता से नहीं , समाज की व्यवस्था के कारण अधिकारी बना है । अब तो शराब की भी इतनी सारी वेरायटी हो गई है कि नाम भी लोगों को याद नही रहता , दाम कहां से याद रहेगा । अब मैं बताता हूं शराब के समाज शास्त्र के बारे में, गाडीवाले कभी एक नही होंते हैं, सडक पर भी उनका वर्ग बना रहता है । शराब पीने वालों में यह बात नही है । दो-चार पैग लिया नही कि आप पक्के समाजवादी । सामने वाला ठर्रा पी रहा है या महुआ , आपको इस से मतलब नही रह जाता । नशा आया नही कि समाजवाद आ गया । अच्छा खासा नशा आ गया तब तो क्या कहना , आप एंजल हो जाते हैं और आपके साथ ठर्रा पी रहा बन जाता है मार्क्स । वाह वाह कैसी क्रांति पैदा होती है यह तो पीने वालें हीं बता सकते हैं । लेकिन बात फ़िर अटक जाती है , रात गई , बात गई पर । यह पूरा लेख है , अधूरा न समझेंगें ।
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ReplyDeleteगाना सुनो सब समझ जाओगे
ReplyDeletebahut badhiya.... na sona kaam aayega na chandi aayegi.
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