अन्ना ट्रस्ट माफ़िया हैं , भ्रष्टाचार के दोषी भी हैं
जो व्यक्तिवादी
होता है वह तानाशाह बन जाता है। अन्ना के पुराने सहयोगी।
ग्लुकोज
और एलेक्ट्राल का पानी पीकर अनशन करते हैं अन्ना
। सालो अनशन किया जा सकता है इस तरह का अनशन
अन्ना ने
महाराष्ट्र में बहुत सारे अनशन किये हैं , यह सब मानते
हैं। आज जैसे अन्ना के साथ किरन बेदी, अरविंद
केजरिवाल, मनीष सिसोदिया, प्रशांत
भूषण , शांति भूषण अन्ना के साथ हैं , उसी तरह
पहले के अनशन में भी अन्ना के सहयोगी रहे होगें, आज कहां
हैं , अन्ना के वह सहयोगी ? गांधी जी
के साथ जो लोग शुरु से जूडे थें , वे अंत
तक रहें लेकिन अन्ना के साथियों ने क्यों उनका साथ छोड दिया ? यह एक विचारणीय
विषय है ।
अन्ना के
बारे में लोगों को कुछ भी नही पता है । आमजन अन्ना को एक संत समझ रहा है जो कभी किसी
सरकारी पद पर नही रहा । यह भी टीवी चैनल से लेकर अखबार दिखा रहे है कि अन्ना सिर्फ़
पानी पीकर भुख हडताल कर रहे हैं। अन्ना दस ट्रस्ट से जूडे हैं। इन ट्रस्टों को केन्द्र
से लेकर राज्य सरकार तक से करोडो रुपया का अनुदान मिलता र्हा है । अन्ना के खिलाफ़ भ्रष्टाचार
का अभिय्ग लगा जिसकी जांच पी
बी सावंत आयोग द्वरा की गई और उस जांच में बहुत सारे अभियोग सही पाये गयें।
अन्ना कपार्ट
नामक सरकारी संस्था के अध्यक्ष रह चुके हैं । यह संस्था ग्रामीण क्षेत्रों में एन जी
ओ यानी गैर सरकारी संस्थाओं को आर्थिक मदद देने का कार्य करती है। अन्ना जब इस सरकारी संस्था
के अध्यक्ष थें तो उन्होने अपने एक ट्र्स्ट को सरकारी अनुदान
दिया था जिस ट्रस्ट अध्यक्ष
वह खुद थें तथा उनके ट्रस्ट ने उस अनुदान को ग्रामीण
विकास के कार्य पर खर्च करने के वजाय तीन साल तक अपने खाते में जमा रखा । उसके बाद
मूल अनुदान की रकम को खर्च किया और बैंक के ब्याज को अपने खाते में ट्रांसफ़र कर दिया।
अन्ना के
ट्रस्ट को गरीब छात्रों को प्रशिक्षण देने के लिये अनुदान मिला । अन्ना की अध्यक्षता
वाले ट्रस्ट ने अनुदान मिलने के बावजूद गरिब लडकों से प्रशिक्षण का शुल्क लिया । इस
प्रकार के अनेको आरोपो से घिरे हैं अन्ना ।
वस्तुत: यह अन्ना एक ट्रस्ट माफ़िया रहा है और जब भी इसकी बात नहि मानी गई यह अनशन पर बैठ जाता है । पी बी सावंत आयोग की रिपोर्ट , अन्ना के पुराने मित्रो का बयान यह साबित करता है कि यह शख्स स्वंय भ्रष्ट है । रह गई अनशन की बात तो यह अनशन नही है भुख हडताल है , यानी पानी पीने की छुट है और अन्ना ग्लुकोज तथा एलेक्ट्राल मिला पीते है भुख हडताल के दौरान । अभी लोग पागल है इसके पिछे इसलिये समझने को तैयार नही । अन्ना सीआइए के हाथों खेल रहा है ।
वस्तुत: यह अन्ना एक ट्रस्ट माफ़िया रहा है और जब भी इसकी बात नहि मानी गई यह अनशन पर बैठ जाता है । पी बी सावंत आयोग की रिपोर्ट , अन्ना के पुराने मित्रो का बयान यह साबित करता है कि यह शख्स स्वंय भ्रष्ट है । रह गई अनशन की बात तो यह अनशन नही है भुख हडताल है , यानी पानी पीने की छुट है और अन्ना ग्लुकोज तथा एलेक्ट्राल मिला पीते है भुख हडताल के दौरान । अभी लोग पागल है इसके पिछे इसलिये समझने को तैयार नही । अन्ना सीआइए के हाथों खेल रहा है ।
भारत की सरकार को यह मालूम
है लेकिन सरकार जानती है कुछ भी कहने पर जनता विश्वास नही करेगी क्योंकि सरकार की विश्वसनियता
समाप्त हो चुकी है । सरकार और मनमोहन सिंह खुद भ्रष्टाचार में घिरे हैं। कांग्रेस और
भाजपा दो प्रमुख दल है,
दोनो
अमेरिका के खिलाफ़ नही जा सकते । रह गई बात साम्यवादियों की तो उनका कोई वजूद नही है
, वे कभी कंग्रेस का दामन थाम कर कभी जनता
पार्टी या जनता दल का हिस्सा बनकर सता में घुसने का प्रयास करते हैं। साम्यवादी आंदोलन
और समाजवादी आंदोलन मर चुका है ।
अन्ना की तुलना उस सायकल
चलाने वाले बाजीगर से की जा सकती है , जो अपने पेट के लिये लगातार ६० घंटे , ७२ घंटे सायकिल चलाता
है । दोनो के बीच का अंतर मात्र इतना है कि अन्ना भावनात्मक मुद्दों के आधार पर अनशन
का ड्रामा करते हैं।
महाराष्ट्र में शिक्षा
माफ़िया ट्रस्ट बनाकर काम करते हैं । अन्ना भी वही करते हैं। दस ट्रस्ट के मालिक अन्ना
, सरकार से करोडो का अनुदान
हासिल कर चुके हैं । यह सबकुछ पी बी सांवत की रिपोर्ट में दर्ज है । पी बी सांवत ने
अन्ना को भ्रष्टाचार का दोषी पाया है ।
अन्ना पर अपने जन्मदिन
के अवसर पर दो लाख रुपया संस्था का खर्च करने का भी आरोप है । अन्ना ने बडी साफ़गोई
से पी बी सावंत के समक्ष उसका जवाब दिया था कि ट्रस्ट को यह अधिकार है कि किसी व्यक्ति
के सामाजिक योगदान के लिये उसे पुरुस्कार दे ।
सावंत ने पुछा था क्या
ट्रस्ट को अपने हीं अध्यक्ष को पुरुस्कार देने का अधिकार है ?
मामला फ़सता देखकर उस ट्रस्ट
के खाते में दो लाख रुपया एक व्यक्ति द्वारा दान दिला दिया गया तथा फ़िर यह तर्क सावंत
के सामने रखा गया कि ट्रस्ट की राशि सुरक्षित है , एक दानदाता ने दो लाख
रुपया जमा किया है ।
पी बी सावंत ने पुन: पुछा
था क्या वह दो लाख रुपया जन्मदिन के लिये जमा किया है ?
सावंत ने अपनी रिपोर्ट
में लिखा है कि वह दान ट्रस्ट के लिये था न की अन्ना हजारे के जन्मदिन के लिये
अन्ना हजारे भ्रष्टाचार
के दोषी पाये गये थें।
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