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Showing posts from May, 2015

आत्मकथा भाग 1 ::खोया ही खोया पाया कुछ भी नहीं

खोया ही खोया पाया कुछ भी नहीं अपनी जिवनी लिखना शायद उतना आसान नहीं जैसा सोचा था. आज जब लिखने के पहले यादो के गलियों से गुजरते हुए वहां पहुचा जहां से झरोखे से कुछ धुंधले दृश्य दिख रहे थे तो खुद को रोने से नहीं रोका पाया . कमरा बंद कर के फुटफुट कर बच्चे की तरफ रोया. बड़की माई, नुनु जी, नेता जी, टूनाइ भैया , बाबूजी, सुभाष , चंदु, अरविंद ,श्याम बिहारी चाचा, माई, ये किरदार याद दिला रहे है गाँव की जहाँ से यादे झांक रही है. सात आठ साल की उम्र रही होगी. स्कुल का प्राथमिक विद्यालय लकड़ी की स्लेट जिसे दावात से गालिस करके चमकाता था , खल्ली से उसपे पाठ लिखता था. दस बजे तक खाना बन जाता था . बड़ा सा घर दसियों लोग एक बड़की माई सबका खाना बिना ऊबे लकड़ी, राहर की झाड या गोइठा पर बनाती थी धुंआ को मुह से फुक कर हटाती थी . स्कुल में खेती की शिक्षा भी दी जाती थी उसके लिए एक एक छोटा सा जमीन का टुकड़ा टीम बनाकर छात्रो को दिया जाता था जिसकी फसल अच्छी हो उसको ज्यादा नंबर मिलता था. सुबह में भात दाल खाकर जाते थे . गरमी में भात खराब ना हो इसलिए पानी में डालकर रखा जाता था. इस पानी वाले भात को सरसों का तेल नमक लाल मिर...

फेसबुकिया विदुषी , प्रगतिशील साम्यवादी एंव हिंदुवादियो को समर्पित ::। मस्तराम बनाम चेतन भगत बनाम फेसबुकिया विद्वान :एक सच्ची कहानी :: विवाहेतर संबंध ,

विद्वता के लिए एक चश्मा, खुरदुरी छोटे छोटे बाल वाली दाढ़ी और जे एन यू का टैग । बस आप बन गए फेसबुकिया विद्वान् । उम्र चाहे कुछ भी हो । मैं इस तरह के पोस्ट नहीं करता हूँ परन्तु फेसबुक की एक महिला ने चेतन भगत की सफलता का उदाहरण देते हुए हिंदी साहित्यकारों द्वारा अपनी पुस्तको की बिक्री न होने के लिए बहाने बनाने की आदत पर बहुत ही अच्छा सारगर्भित पोस्ट किया था उक्त पोस्ट पर एक फेसबुकिया विद्वान् टपक पड़े और यह टिपण्णी /कमेन्ट किया """ A kshat  seth ::  म ाफ़ कीजिये पर चेतन भगत समय की मांग हैं। ये बात सही है कि उन्होंने पाठक वर्ग में नयी ज़मीन तोड़ी है- पर ऐसा मस्तराम और वेद प्रकाश शर्मा भी पहले कर चुके हैं। अंतर बस ये हैं कि श्रीमान भगत सभ्यता की पतली सी चादर अपनी लेखनी को उड़ाकर रखतेहैं व नतीजतन आप बैठक में खुलकर यह कह सकते हैं कि आप चेतन भगत पढ़ते हैं। इस पतली सी चादर के नीचे एक बाज़ारवाद और पूंजीवाद का समर्थक मस्तराम बैठा है जो लड़की को चीज़ से ज़्यादा कुछ नहीं समझता है । A kshat   s eth :: S aket bhai, Mujhe Mastram se koi dqqat nahi hai. In fact I love him for being upfront about...

Fingerprint test could detect cocaine use

A sophisticated new type of drug test can tell whether a person has taken cocaine by analyzing chemical traces left behind in their fingerprint, scientists say. Researchers from Britain and the Netherlands developed the technique, which they say could offer a useful alternative to current methods of blood, saliva or urine testing. Their findings are published in the scientific journal Analyst. The test uses a technique called mass spectrometry to detect chemicals produced by the body after a person consumes the drug. The scientists say it can tell the difference between a person who's actually taken cocaine and someone who just happened to touch it. "When someone has taken cocaine, they excrete traces of benzoylecgonine and methylecgonine as they metabolize the drug, and these chemical indicators are present in fingerprint residue," the lead author of the study, Dr. Melanie Bailey from the University of Surrey, said in a press release. The researchers hope their disco...

Frankly आप मुझे मानसिक प्रताडना दे रहे है । सही समझना है तो भी गलत समझते है तो भी , मै आपके सवाल जबाब से थक गई हूँ

ymy confession and its explanation.  :: ""Frankly आप मुझे मानसिक प्रताडना दे रहे है । सही समझना है तो भी गलत समझते है तो भी , मै आपके सवाल जबाब से थक गई हूँ"" यह एक महिला के उदगार है । मेरे द्वारा किये गए सवाल जवाब को उन्ह...

नजीब जंग मामला :: प्रजातंत्र की रक्षा के लिए नौकरशाहो की पिटाई आवश्यक

प्रजातंत्र की मूल अवधारणा है " प्रजा द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों की सरकार का शासन " इस अवधारणा से यह स्पस्ट है कि जनता जिसे चुनेगी वह सरकार द्वारा लिया गया निर्णय जनता का नि...

‘Brahmins in Gujarat must unite for development’

The Brahmin community in Gujarat is believed to have 84 sub-castes, which is perhaps why the community does not function as a monolithic group. The Brahmin community in Gujarat is believed to have 84 sub-castes, which is perhaps why the community does not function as a monolithic group. However, on Sunday, the community took a step towards greater cohesiveness when three events organised by an umbrella organisation of the Brahmins were held under one roof. Brahma Sena organised a mass Yagnopavit (Janeu) of nearly 1500 children, the meeting of 11,111 unmarried boys and girls for selection of life partner and Brahma Choryasi (community lunch) for all the 84 sub-castes at Ahmedabad Education Society ground in Thaltej. The three events were attended by many eminent Brahmins from different walks of life, including politics. Ahmedabad (East) MP Harin Pathak; BJP leader Amit Thaker; Ahmedabad mayor Asit Vora; Gujarat University vice-chancellor Parimal Trivedi; and Jagannath temple trustee ...

लेस्बियन जोड़े ने दिखाई हिम्मत ,रचाई शादी :: Weldon brave heart

अल्मोड़ा। नैनीताल में विवाह रचाने के बाद समलैंगिक जोड़ा पर्यटन नगरी की सैर को पहुंचा। कोलकाता व हल्द्वानी की इन युवतियों ने कहा कि शारीरिक रिश्ते मायने नहीं रखते, प्यार-...

मोदी जवाब दो :RSS के फंडिंग और खर्च की जांच कराओ । है हिम्मत ?

सतही आरोप लगाकर ग्रीन पीस इंडिया का अकाउंट मोदी ने सस्पेंड कराया है क्योकि यह संस्था वन्य संरक्षण के लिए संघर्ष कर रही थी जिसके कारण मोदी के पूंजीवादी मित्रो को अपने प्रोजेक्ट के लिए जंगल को बर्बाद करने , आदिवासियों को उजाड़ने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था । खैर मेरा छोटा सा सवाल है । देशहित , राष्ट्रहित की बात करने वाले RSS ने अपना निबंधन किसी भी कानून के तहत क्यों नहीं करवाया है ? RSS के फंडिंग और उसके व्यय की जांच क्यों नहीं करवाती सरकार यानी मोदी ? ग्रीन पीस इंडिया के खाते को संस्पेंड करने का जो आधार है वह कितना सतही है यह निचे सरकार द्वारा जारी बुलेटिन को पढ़ने से स्पष्ट: हो जाएगा ।  Suspending the Registration of Greenpeace India Various Inputs were received that provisions of Foreign Contribution (Regulation) Act, 2010 are being violated by Greenpeace India Society, Chennai, Tamil Nadu. Standard questionnaire was served to the association. After receipt of reply to the standard questionnaire, as there were prima-facie violations of FCRA, 2010, an on-site inspection of ...

Never say them हिजड़ा or Shemale : Respect their identity

most of the people even dont know whether hijra,transgender and shemale are same and whether shemale have genital of male and female both . now today we are dealing that subject which the hypocrites Indians avoid to discuss. Question : whether shemale have genital of male and female both ? Answer  ::  Normally yes; they have and or there is no reason to call them shemale. shemale , hijra are slang and humiliating . biological terms for shemale is hermaphrodite. they are born with both genital . many animal and almost every plant is hermaphrodite.    animal or plant; having both male female reproductive organs they dont need other partner for reproduction . reproduction may take place without the union of the distinct individuals.  The typical reason to label someone a shemale is the presence of both male (penis) and female (vagina) genitals. This is the accepted norm for use of the term in general conversation and in adult entertainment labels. However; ...

बीएचयू में अमेरिकी महिला से सामूहिक दुराचार का प्रयास

PREVIOUSNEXT बीएचयू में अमेरिकी महिला से सामूहिक दुराचार का प्रयास Publish Date:Sat, 09 May 2015 08:56 PM (IST) | Updated Date:Sat, 09 May 2015 09:03 PM (IST) बीएचयू में अमेरिकी महिला से सामूहिक दुराचार का प्रयास वाराणसी । काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीए...

समलैंगिक रिश्ते की चाहत में उजाड़ दिया भाई का घर

PREVIOUSNEXT समलैंगिक रिश्ते की चाहत में उजाड़ दिया भाई का घर Publish Date:Sat, 09 May 2015 01:02 AM (IST) | Updated Date:Sat, 09 May 2015 04:23 PM (IST)   5 समलैंगिक रिश्ते की चाहत में उजाड़ दिया भाई का घर बरेली [ज्ञानेंद्र सिंह]। समलैंगिक रिश्तों की जिद का ...

use of phrasal verb

Go ahead! (Phrasal verbs with ‘go’) Every few weeks, we focus on phrasal verbs that are formed with a particular verb. This week, we’re looking at phrasal verbs that start with the verb ‘go’. As ever, we present a range of the most useful and common phrasal verbs. Some of the most common ‘go’ phrasal verbs are easy to understand because the ‘go’ part of the phrase has its usual meaning, which is ‘to move or travel somewhere’. When ‘go’ in a phrasal verb has its usual meaning, the other part, which is the particle, (away, off, out, etc.) also has its regular meaning. For this set of phrasal verbs, it is easy to work out what they mean: She go away (= left) for a few days. When are you going back (=returning) to Paris? A pink sports car went by (=passed). I looked in the shop window but I didn’t actually go in (= enter). Helena went off (= left) about an hour ago. Are you going out (= leaving your...

देह व्यापार के नए रास्ते

जागरण संवाददाता, जम्मू। देह व्यापार से इन्कार करने पर एक दंपति ने पैरामेडिकल की छात्रा की हत्या कर दी। आरोपियों ने पहले छात्रा का गला रेता और बाद में शव को ठिकाने लगाने के ल...