नास्तिक सम्मेलन ,कुछ अनुत्तरित सवाल
नास्तिक सम्मेलन के संयोजक स्वामी बालेन्दु जी के नाम खुला प त्र : स्वामी जी अपने इस पत्र की शुरुआत मैं एक वर्ड आफ विजडम से करना चाहता हूँ । "", Theist believe God exist but the Atheist believe God doesn't exist ,on one point both are unanimous that is that the faith in their believe . Lesson: faith in believe is God " बालेन्दु जी सबकुछ खैरियत तो है ? इधर देखा कोई नास्तिक सम्मेलन आप कर रहे थे जिसमे वीएचपी,बजरंग दल वगैरह वालो ने बाधा पहुचाई और सम्मेलन रद्द करना पड़ा । मुझे तो पहचान ही रहे होंगे ? 2012 में जब आप सोशल मीडिया में पहचान बनाने का प्रयास कर रहे थे तब हम जुड़े थे ,याद आया ? आपके ब्लॉग/लेखों का अंग्रेजी से हिंदी में रूपांतरण का कार्य भी किया था मैंने , जिसका आभार आपने प्रकट किया था ,यह सब याद दिलाने का कारण मात्र यह है कि आप शांतिपूर्वक मेरे इस पत्र को पढकर तार्किक जवाब दे । स्वामी जी एकबात मैं नहीं समझ पाया यह नास्तिक सम्मेलन करने का औचित्य क्या था ? फन विद फ्रेंड तो ठीक है ,लेकिन इवेई फन विद एथिस्ट फ्रेंड का क्या मतलब हुआ ? स्वामी जी...