लालू यादव का गया आगमन : क्या आतंकी भी साथ होगें ?
लालू यादव का गया आगमन : क्या
आतंकी भी साथ होगें ?
राजद के शासनकाल में हुये बलात्कार, लूट
, गुंडागर्दी के लिये माफ़ी मांगेंगे लालू .
कल यानी १६ जून को राजद अध्यक्ष लालू यादव
का गया आगमन हो रहा है । लालू यादव ६५ वर्ष पुरे कर चुके हैं । इनके ६५ वर्ष को यादगार
बनाने के लिये गया राजद या आप कह सकते
हैं सुरेन्द्र यादव ने ६५ तोरण द्वार बनाने का निश्चय किया है । गया में राजद का अर्थ
है सुरेन्द्र यादव , जो उनकी चमचागिरी करेगा वह राजद में रहेगा
अन्यथा शकील अहमद खान की तरह उसे राजद छोड देना पडेगा । गया ने लालू यादव के शासनकाल
में आतंक राज को झेला है । उस आतंक को कायम करने में सुरेन्द्र यादव , बिंदी यादव और बच्चू यादव की अहंम भूमिका रही है ।
सुरेन्द्र यादव के घर के पास गया का प्रसिद्ध
कालेज गया कालेज है , सुरेन्द्र यादव के आतंककाल में उस कालेज में लडकियों का जाना
मुश्किल था । इनके भाई-बंधु खुलेआम न सिर्फ़ छेडखानी करते थें
बल्कि लडकियों को उठाकर उनके साथ बलात्कार भी करते थें । मां –बाप इनके भय से मुकदमा दर्ज नही कराते थें । उसी प्रकार बच्चू यादव का एक भतीजा
शामू यादव कालोनी में रहनेवालों के घर में घुसकर पुरे ्परिवार के सामने पत्नी या बेटी
का बलात्कार करता था । गया के मेडीकल कालेज की आंतरिक परीक्षा में वही छात्र पास होते
थें जो सुरेन्द्र यादव के भाई को गुंडागर्दी देते थें । किसी भी मेडिकल के प्राध्यापक
को हिम्मत नही थी कि बगैर सुरेन्द्र यादव के भाइ की अनुमति के किसी छात्र को पास कर
दे।
शहर में आतंकराज कायम करने के लिये एक अपराधी
जो इनका प्रतिद्वंदी था उसकी सरकटी लाश को मारुती वैन में घुमाया गया था । घर और मकान
कब्जा करना , रंगदारी वसूलना तो आम बात थी । अनेको अपहरण भी इनलोगों ने
किया कुछ का मुकदमा दर्ज हुआ , कुछ का नही ।
लालु यादव के शासनकाल में शुरुआती दौर में
जो कदम उठाये गये थें तब बिहार मीडिया को अब्राहम लिंकन की याद आई थी । ऐसा लगता था
लालू बिहार के अब्राहम लिंकन हैं , दुर्भाग्य से सता में बहुत दिनो तक रहने
के बाद लालू चमचों से घिर गये जो अपराधिक प्रवर्ति के थें ।
अभी बिहार की जनता नीतीश के भ्रष्ट शासन , अधिकारियों
की मनमानी या साफ़ शब्दों में कहा जाए तो गुंडागर्दी तथा घोटालों से त्रस्त है । जनता
विकल्प की तलाश में है । साधु – सुभाष से तो लालू ने छुटकरा पा
लिया लेकिन क्या गया के आतंक से भी छुटकारा मिलेगा।
क्या अपने कल के कार्यक्रम में लालु यादव
अपने नेता, विधायक तथा गुंडे कार्यकर्ताओं के द्वारा किये गये बलात्कार
, हत्या, लूट , अपहरण
, रंगदारी के लिये खुलेआम माफ़ी मांगेंगे और इस मौके पर वैसे सभी तत्वों
को दल से निष्काषित करने की घोषणा करेंगें ।
यह भी देखना है कि राजद के शासनकाल में, आतंक
का साम्राज्य कायम करनेवाले सुरेन्द्र यादव विधायक, बिंदी यादव
, बच्चू यादव तथा अन्य गुंडे लालू के साथ होगें या नही । यह परीक्षा
की घडी है लालू जी के लिये । मात्र नीतीश के शासन में फ़ैले भ्रष्टाचार , अफ़सरशाही , जातिवाद और घोटालों के आधार पर जनता को आकर्षित
करना अब आसान नही है । बिहार मीडिया ने अपने स्तर से लालू यादव को फ़ोन लगाया लेकिन
उनके एक पीए चितरंजन तथा मीडिया प्रभारी रणवीर ने उठाया परन्तु नाम जानने के बाद वे
बात करवाने में आनाकानी करने लगे । रामकर्पाल यादव को भी फ़ोन
लगाया , उन्होनें कहा कि लालू यादव का भाषण चल रहा है आधे घंटे
के बाद बात होगी । हमने दुबारा फ़ोन नही लगाया ।
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Darabna he...boss yah sab....
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