सज धजकर जिस दिन मौत की शहज़ादी आएगी ,न सोना काम आएगा न चांदी आएगी

सच की आवाज : महात्मा गांधी ने कहा था चाहे सारी दुनिया तुम्हारे खिलाफ क्यो न हो जाये, तुम भले ही अकेले रह जाओ लेकिन हमेशा सच के साथ खड़ा रहना ।
even if you remain alone but stand with the truth .
हम एक निर्धारित जीवन लेकर आते हैं, हालांकि जीवन का कोई उद्देश्य नही होता ,हम बस जन्म लेते है ,उम्र पूरी करते हैं, चले जाते हैं ,ठीक अन्य जीवों की तरह, लेकिन वॉयरस से उतपन्न तार्किक मस्तिष्क इंसान को अन्य जीवों से अलहदा करता है , इंसान एक उद्देश्य निर्धारित कर लेता है ,फिर सबसे बेहतर कौन सा उद्देश्य होना चाहिए ? शायद इस पृथ्वी को सुरक्षित बनाये रखना, और बेहतरीन बनाना, अन्य जीवों को उनके  अधिकार से वंचित न करना,आखिरकार यह पृथ्वी सिर्फ इंसानों की बपौती तो है नही ,इसपर निवास करने वाले सभी जीव,नदी,पहाड़,वृक्ष सबका समान अधिकार है, हमें उन्हें उनके अधिकार से वंचित करने का कोई हक नही है ,एक क्स्ष्उउडर याद रखे ,पद और पैसा यह बाह्य गुण हैं ,नैसर्गिक नही ,आपका अहंम आपका नाम है अन्यथा बिना नाम सब बराबर है ,कभी पद और पैसे को अभिमान का हिस्सा न बनने दें ।
"सजधज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी न सोना काम आएगा न चांदी आएगी "

Comments

Popular posts from this blog

भूमिहार :: पहचान की तलाश में भटकती हुई एक नस्ल ।

आलोकधन्वा की नज़र में मैं रंडी थी: आलोक धन्वा : एक कामलोलुप जनकवि भाग ३

origin and socio-economic study of kewat and Mehtar