लगे रहो असीम भाई
वाह वाह असीम भाई , क्या छक्का मारा है , तुमने तो मुन्ना भाई को भी मात
दे दिया। क्या मजेदार कार्टून बनाया है । आप महान हो, कार्टून
को एक नया आयाम दिया, यह साबित कर दिया औरत मात्र औरत होती है
चाहे उसे भारत माता कहो या चंपा पान दुकान के उपरवाली, किताब
तो किताब है संविधान की हो या मस्तराम की । आपका लुक भी भाई दार्शनिक जैसा है,
कभी आप सुर्यकांत निराला लगते हो , कभी रविन्द्र
नाथ टैगोर और कभी एम एफ़ हुसैन तो कभी मा्र्क्स । भाई आपका वह जो भारत माता वाला कार्टून
है न वाकई धांसू है न जाने क्यों लोग उसपर आपति उठा रहे हैं । भाई चाहे प्रतिक हो या
जिंदा मां , आखिर है तो औरत हीं न , अब
अगर उसके साथ बलात्कार करनेवाला कार्टून बना दिया तो क्या गलती कर दी। लोगो का क्या
ये तो पत्थर की मुर्ति को मंदिर में बैठाकर पुजा करने लगते हैं , मां –मां चिल्लाने लगते हैं। एक इमारत बना लेते हैं और उसे मस्जिद का नाम
दे देते हैं , बगैर
कारण वहां जाकर नमाज पढने लगते हैं । भाई असीम आप हीं क्रांति
ला सकतो हो देश में । महामुर्ख हैं इस देश के लोग इन्हे कार्टून की समझ एकदम नही है
। जरा सोचो असीम भाई कितना अच्छा लगता जब वैष्णव माता मंदिर में लोग जाते वहां एकतरफ़ आपके कार्टून लगे रहते जिसमे वैष्णव
माता के साथ पंडे –पुजारियो को रेप करते हुये दिखाया जाता । मस्जिद
मे मोहम्मद साहब का एक बगैर कपडे का कार्टून लगा होता , चर्च
में जीसस का चढ्ढी पहनकर उपदेश देने वाला कार्टून टंगा रहता । मजा आ जाता । अभिव्यक्ति
की स्वतंत्रता का असली अर्थ भी यही है असीम भाई । भला यह भी कोई तुक है कि मैं अपनी
अभिव्यक्ति को सिर्फ़ इसलिये व्यक्त न करुं क्योंकि उससे कुछ लोगों की भावना को ठेस
पहुचती है , यह तो वही बात हुई कि कोई सुंदर लडकी सडक पर जा रही
हो मेरी ईच्छा उसके अंगो को छुने की हो और मैं सिर्फ़ इसलिये ऐसा न करुं क्योंकि कुछ
लोगों को बुरा लगेगा , भला यह भी कोई बात हुई असीम भाई। मैं तो
खुलेआम रेप करुंगा भले किसी को बुरा लगे या भला । कितना मजेदार है , नेता एवं अधिकारी भारत माता को पकडे हुये हैं और भ्रष्टाचार नामक राक्षस नंगधडंग
रेप करने को बेताब है , अधिकारी उसे कह रहे हैं अबे जल्दी कर
। वाह वाह भ्रष्टाचार के विरोध मे इससे अच्छे कार्टून की कल्पना भी नही की जा सकती
।
आपका एक और कार्टून जिसमे आपने
संविधान के उपर कसाब को पेशाब करते हुये दिखाया है वह तो वाकई आपके उच्च विचारो को दर्शाता है ।
असीम भाई इस देश का संविधान इतना बुरा है कि सबको बराबरी का हक दे देता है जबकि यह
देश तो हम हिंदुओं की बपौती है । आपने सही दिखाया कि कसाब मूत रहा है अगर आप असीमानंद
या गुजरात वाले बजरंगी या फ़िर विकासपुरुष मोदी को दिखाते तो गलत होता , अभी आपके समर्थन में अभिव्यक्ति को व्यक्त करनेवाले आपके खिलाफ़ खडे हो जाते
। मुझे लगता है आप न सिर्फ़ कार्टूनिस्ट हैं बल्कि दुरदर्शी भी हैं , न जाने क्यों लोग आपकी दुर्दशा करने पर आमदा हैं । असीम भाई मेरे हिसाब से
कसाब जैसे हीं पकडा गया था उसे फ़ासी पे चढा देना चाहिये था आखिर पुलिस ने उसके पास
से हथियार बरामद किया था , विडियो फ़ुटेज था , उसने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया था , यह मुकदमा चलाने
की जरुरत हीं क्या थी । आपका लोकपाल होता तो यह सब करने की जरुरत नही पडती । किरन बेदी
पुलिस थी , कसाब को लेकर हाजिर होती , साथ
मे वीडियो फ़ुटेज , बरामद हथियार जैसे साक्ष्य होते , वहां अन्ना चाचा , अरविंद भैया, मनीष भैया , प्रशांत भैया जैसे लोग होतक्षक्ष
, फ़टाफ़ट सबकुछ देखते और फ़ांसी पर चढाने का हुक्म कर देतें । हां असीम
भाइ एक बात याद आई । अपने लोकपाल मे यह प्रावधान जरुर रखना कि बगैर मुकदमा चलाये
, मात्र पुलिस द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर सिर्फ़ मुसलमानो को
और जिस हिंदु का खुन न खौले उसी को फ़ांसी होगी अन्यथा बहुत गडबड हो जायेगी
, साध्वी प्रग्या से लेकर असीमानंद तक को भी फ़ासी चढाना पडेगा ।।, ख्याल रखना मेरे भाई , लोकपाल मे यह प्रावधान जरुर हो
।
भाई मेरे इस संविधान के कारण
हीं बिनायक सेन जैसा आतंकवादी बच गया , वरना पुलिस के साक्ष्य
के आधार पर तो उसे कब की फ़ांसी हो गई रहती , उधर एक सोहराबुद्दीन
और बीबी कौसर बी की पुलिस मुठभेड को इसी संविधान के कारण फ़र्जी बताया जा रहा है
, भाई यह सबको पता है , सोहराबुद्दीन अपराधी किस्म
का आदमी था , उसकी बीबी एक अपराधी की पत्नी थी , अगर पुलिस ने उन दोनो को मार दिया तो क्या गलत किया असीम भाई । यह संविधान
कितना गलत है असीम भाई , अपराधी को आज फ़ांसी हो या कल आखिर होगी
तो फ़ांसी हीं न , फ़िर अगर पुलिस ने मार दिया तो गलत क्या किया
, न्यायालय का समय बचा , पैसा बचा , तुरंत – फ़ुरंत न्याय मिला , एकदम
लोकपाल वाले स्टायल में । आप तो बुद्धि श्रेष्ठ हैं असीम भाई , आपको तो पता हीं होगा इसी संविधान के कारण गुजरात के नरोदा पटिया नरसंहार में
३२ लोगों को सजा हो गई । अगर यह संविधान न होता इन महान लोगों को सजा नही होती
, पुलिस ने तो मुकदमा भी इनके खिलाफ़ नही दर्ज किया था असीम भाई । बहुत
गलत है हमारा संविधान भाई , सिर्फ़ मूतने लायक है । इसके हीं कारण
असीमानंद , साधवी प्रग्या, बजरंगी को जेल मे रहना पड रहा है
। इस संविधान के कारण २जी घोटाले की जांच करनी पडती है , सोहराबुद्दीन
और कौसर बी जैसे अपराधी को गोली मारने का मुकदमा चलता है । आपके विचार अति उत्तम है
असीम भाई । आपके समर्थको की अच्छी खासी तादात है , बेचारे अपनी
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को मूत मूत कर व्यक्त करने के लिये बेचैन हैं । कुछ तो बलात्कार
करने के लिये भी तैयारी कर रहे हैं । आप हिरो बन गये असीम भाई । अब हर बलात्कारी आपका
फ़ैन होगा , पढने की पुस्तक पर मूतने वाला आपको अपना नायक मानेगा
। असीम भाई आपने कहा है कि आप जमानत नहीं लेंगें । एकदम सही निर्णय है । आप जमानत नहीं लोगे तो आपका प्रचार होगा , वैसे भी आप बेरोजगार हो कम से कम दो रोटी का जुगाड तो बैठा हीं लिया आपने
(जेल में मुफ़्त मे रोटी मिलती है ) । असीम भाई
आप एकदम सच्चे भारतीय लगते हैं , खांटी , विशुद्ध । मुझे तो आपके कार्टून को देखकर इतनी हंसी आई कि डाक्टर के पास जाना
पडा, जिन्हें नहीं आई वे मुर्खों की श्रेणी मे गिने जायेंगें , कार्टून का अर्थ हीं है हास्य ।
असीम भाई आपने संसद को संडास
दिखाया है , बहुत सही दिखाया , सबके सब
चोर लूटेरे तो भरे पडे हैं वहां । आपके उस संसद वाले संडास को देखकर मुझे अडवाणी जी
, सुषमा जी, जेटली जी याद आ गयें बेचारों को कितनी
तकलीफ़ उठानी पडती होगी उस संडास मे भाषण देने में ।
असीम भाई देश मे और भी बहुत
सारे संडास जैसे हैं , आप उनका कार्टून बनाईये न । अजमेर शरीफ़
की दरगाह मे भी जो खादिम टाईप के जीव होते हैं वे भी बहुत सारे गलत काम करते हैं
, हमारे विष्णुपद मे पंडे पुजारी गलत करते हैं । आप भाई इन सबका कार्टून
बनायें । ख्वाजा चिश्ती मुत्रालय । वैष्णव देवी संडास । जीसस टायलेट । भाई रिवोल्यूशन
तो बस आप हीं ला सकते हैं , दुसरे के बस का यह रोग नही । दुसरे
तो कायदे से आपके जैसी दाढी , बाल भी नही बढा सकते , रिवोल्यूशन क्या खाक लायेंगें । भला बगैर दाढी –बाल और
चश्मा के कोई क्रांतिकारी बन सकता है क्या ? भाई अंत मे एक सुझाव
है । अगर सरकार आपको बगैर जमानत रिहा कर दें तो मुझे बता देंगें , मेरे दिमाग मे बिजनेस का एक बहुत धांसू आयडिया आया है । असीम ब्रांड ब्रा,
चड्डी , बनियान, लंगोट
, नैपकिन का। सब प्रोडक्ट तिरंगे से बनायेंगें जायेंगें । यानी तिरंगे
की चड्डी , तिरंगे की ब्रा, वाह क्या सेक्सी
लगेगी कोई महिला तिरंगे का ब्रा पहनकर । भाई असीम आपका ब्रांड रातोरात हिट हो जायेगा
। आप बेडरुम स्टार बन जायेंगें।
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Wah bahut achha likha h ..ye padh ke logo ki aankh khul jani chahiye jo abhivaiqti ki aazadi ke naam par kuchh jayada hi besharmi dikha rahe h
ReplyDeleteWah bahut achha likha h ..ye padh ke logo ki aankh khul jani chahiye jo abhivaiqti ki aazadi ke naam par kuchh jayada hi besharmi dikha rahe h
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